[1]
“जैनाचार की वैज्ञानिकता: पर्यावरण सुरक्षा एवं संतुलन के सन्दर्भ में”, pimrj, vol. 2, no. 2, pp. 43–51, Jun. 2025, doi: 10.48165/pimrj.2025.2.2.7.